भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया है कि वह कानपुर के सिख विरोधी दंगों से जुड़ी 40 साल पुरानी एफआईआर को फिर से बनाने के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञों को नियुक्त करे और यह सुनिश्चित करे कि क्लोजर रिपोर्ट पर आपत्ति जताने के लिए शीर्ष आपराधिक वकील उपलब्ध हों। 1984 के मामले में सेवानिवृत्त कर्मचारी दीवान सिंह की हत्या शामिल थी, जो दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के प्रयासों पर प्रकाश डालता है।

LEAVE A REPLY

Your email address will not be published. Required fields are marked *