2012 में, मनमोहन की सर्जरी हुई, लेकिन वे कभी भी शारीरिक रूप से ठीक नहीं हो पाए।
मणिशंकर अय्यर ने अपनी किताब में खुलासा किया है कि कैसे 2012 में कई हृदय बाईपास सर्जरी से गुजरने के बाद डॉ. मनमोहन सिंह कभी पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाए, जिसका असर उनके शासन पर पड़ा। अय्यर का सुझाव है कि प्रणब मुखर्जी को प्रधान मंत्री का पद संभालना चाहिए था, जबकि सिंह को 2012 में राष्ट्रपति का दर्जा दिया गया था। सिंह की प्रमुख उपलब्धियों में मनरेगा, आरटीआई अधिनियम और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम शामिल हैं।